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परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत उद्योग और खनिज क्षेत्र की एक घटक इकाई, भारी पानी बोर्ड (HWB), भारी पानी (ड्यूटेरियम ऑक्साइड), संवर्धित बोरॉन, नाभिकीय ग्रेड के सोडियम, ईंधन चक्र के अग्र और पश्च भाग आदि हेतु नाभिकीय विलायकों का उत्पादन करते हुए भारतीय त्रिचरणीय नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम के प्रमुख अधिदेश की पालना करता है।
भारी पानी बोर्ड ने H2S-H2O बाय-थर्मल प्रक्रिया और NH3-H2 मोनो-थर्मल प्रक्रिया का उपयोग करके भारी पानी के उत्पादन की जटिल तकनीक को विकसित, प्रदर्शित, इष्टतमीकृत और स्थापित किया है। यदि आवश्यक हुआ, तो अमोनिया आधारित भापासंयंत्रों को उर्वरक पर बिना आश्रित किए चलाने हेतु भापाबो ने प्रथम NH3 – H2O विनिमय प्रक्रिया को विकसित और सफलतापूर्वक प्रदर्शित भी किया है । दुनिया में भारत सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले भारी पानी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यह भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए न केवल देश में भारी पानी की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को निर्यात भी कर रहा है।
उपरोक्त के अलावा, भारी पानी बोर्ड ने भारी पानी और ड्यूटेरियम के गैर-परमाणु अनुप्रयोगों के विकास और संवर्धन के लिए मार्ग भी खोले हैं। जीव विज्ञान , एक्सप्लोरेशन, न्यूट्रीशनल स्टडीज, ऑप्टिकल फाइबर इंडस्ट्रीज, एनालिटिकल साइंस, फार्मास्युटिकल्स में मेडिसिनल केमिस्ट्री आदि के क्षेत्र में ये अनुप्रयोग बड़े पैमाने पर समाज को फायदा पहुंचाएंगे और भारत को मेक इन इंडिया बनाने के अभियान में एक कदम आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली और व्यावसायिक स्वास्थ्य और संरक्षा प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ प्रमाणीकरण का उपयोग करते हुए हमारे भारी पानी संयंत्र सुरक्षित और सतत रूप से प्रचालन करने में विश्वास रखते हैं।
वैश्विक मानकों को बनाए रखते हुए भारतीय नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम और सामाजिक अनुप्रयोग के लिए विशेष सामग्री के उत्पादन में उत्कृष्टता हासिल करना।
हम, भारी पानी बोर्ड में, सतत विकास की दिशा में स्वयं को समर्पित करते हैं और हम इसे आईएसओ 9001 के तहत गुणवत्ता प्रबंधन को प्रभावी बनाने में निरंतर सुधार और वृद्धि लाते हुए अपनी सभी प्रकार की गतिविधियों में एक समान उत्कृष्टता हासिल करेंगे ।
Last updated on: 18-Apr-2019