भारी पानी उत्पादन
भारी पानी बोर्ड (भापाबो),
परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत उद्योग एवं खनिज क्षेत्र की एक संघटक इकाई है, जो नाभिकीय विद्युत के साथ-साथ अनुसंधान रिएक्टरों में मंदक एवं शीतलक के रूप में उपयोग किये जाने वाले भारी पानी (ड्यूटीरियम आक्साइड-D2O) के उत्पादन के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है । भारी पानी बोर्ड ने H2S - H2O द्वितापीय प्रक्रिया एवं NH3 - H2 एकल-तापीय प्रक्रिया जैसी दो रासायनिक प्रक्रियाओं का उपयोग कर इस जटिल
उत्पादन प्रौद्योगिकी में महारत हासिल की है । भारत पूरे विश्व में भारी पानी का सबसे बड़ा विनिर्माता है तथा भारतीय नाभिकीय विद्युत कार्यक्रम की भारी पानी की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है । अमोनिया-हाइड्रोजन (NH3 -H2) विनिमय प्रक्रिया पर आधारित सयंत्रों में संश्लेषण गैस की जरूरतों (Feed) के लिए अमोनिया उर्वरक संयंत्रों से जोड़ा गया है जबकि H2S - H2O आधारित संयंत्र इस संबंध में स्वतंत्र हैं । भारी पानी बोर्ड देश में छ: भारी पानी संयंत्रों का सफलतापूर्वक प्रचालन कर रहा है । अमोनिया आधारित संयंत्रों को उर्वरक संयंत्रों से निर्भरता-मुक्त करने हेतु जल-अमोनिया (H2O - NH3) ड्यूटीरियम विनिमय का प्रयोग करते हुए एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन संयंत्र का भी विकास किया गया है तथा भापासं,बड़ौदा, गुजरात में प्रदर्शित किया गया है । सभी संयंत्रों की एक सुपरिभाषित संरक्षा एवं पर्यावरणीय नीति है तथा इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट रिकार्ड बनाये हुए है ।
भारी पानी बोर्ड एवं इसके संयंत्र गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणाली एवं व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं संरक्षा प्रबंधन प्रणाली हेतु आईएसओ प्रमाणित हैं ।
भापाबो के भारी पानी उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं हेतु कड़ी गुणवत्ता विशिष्टताओं को पूरा करते हैं । भारी पानी बोर्ड ने दक्षिण कोरिया, चीन एवं संयुक्त राष्ट्र अमेरिका जैसे देशों को भारी पानी का सफलतापूर्वक निर्यात किया है ।
भापाबो ने परमाणु ऊर्जा विभाग की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु D2EHPA, TBP, TAPO, TOPO, DNPPA, DOHA इत्यदि जैसे विभिन्न आर्गेनो-फास्फोरस विलायकों हेतु उत्पादन सुविधाओं को स्थापित किया है । इसमें व्यावसायिक रूप में कार्यक्षम संयंत्रों के माध्यम से प्रयोगशाला संश्लेषण से प्रक्रियाओं का विकास शामिल है । भापाबो द्वारा उत्पादित विलायकों को केवल परमाणु ऊर्जा विभाग में नहीं अपितु बाहर भी स्वीकार किया गया है ।
नई गतिविधियां
भारी पानी उत्पादन के अतिरिक्त, भारी पानी बोर्ड निम्नलिखित नई गतिविधियों में रत है :
उत्पादन
- नाभिकीय ईंधन सम्मिश्र के अंग्रांत एवं पश्चांत में विलायक निष्कर्षक हेतु आवश्यक D2EHPA, विलायकों तथा ट्राई ब्यूटाईल फास्फेट का उत्पादन
- प्रोटोटाइप द्रुत प्रजनक रिएक्टरों (पी एफ बी आर) हेतु आवश्यक, भापाबो द्वारा अभियांत्रित विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से बी10 समृद्ध तालिक बोरोन का उत्पादन ।
विकासात्मक कार्य
- नए विलायकों के व्यावसायिक उत्पादन हेतु भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र तथा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र की प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रक्रियाओं का विकास किया जा रहा है ।
- क्रायोजनिक प्रक्रिया प्रणाली का विकास ।.
- पेट स्कैनिंग एवं मेटाबॉलिक अध्ययन हेतु 018 आइसोटोप के उत्पादन हेतु प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी का विकास ।
- हाइड्रोजन-जल विनिमय प्रक्रिया हेतु एनएमआर विलायकों, ड्यूटीरियम लेबल्ड कम्पाउण्डों एवं उपयुक्त उत्प्रेरकों का विकास करने हेतु एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र की स्थापना ।
- एफ बी आर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सोडियम उत्पादन हेतु क्लोएड सेप्रौद्योगिकी का विकास ।
- विरल सामग्री पुनप्रार्प्ति संयंत्र की स्थापना।
- बोरिक अम्ल से बोरोन कार्बाइड में सीधे रूपांतरण हेतु प्रौद्योगिकी का विकास ।
कार्पोरेट सदस्यताएं
- भारतीय रासायनिक विनिर्माता संघ (आईसीएमए)
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई)
- राष्ट्रीय संरक्षा परिषद (एनएससी)
- भारतीय रासायनिक उद्योग का परिसंघ (सीआईआई)
- निदेशकों का इन्स्टीट्यूट (आईओडी)
- भारतीय परमाणु औद्योगिक फोरम (आईएआईएफ)
- भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई)
प्रबंधक प्रणाली प्रमाणन
- भापाबो को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2008 के अंतर्गत प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, कोटा को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000, पर्यावरण प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 14001 तथा व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं संरक्षा प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएस 18000 हेतु प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, तूतीकोरिन को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000 पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 14001 तथा व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं संरक्षा प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएस 18000 हेतु प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, मणुगुरू को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000 पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 14001 हेतु प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, हजीरा को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000 पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 14001 हेतु प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, थल को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000 पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 14001 तथा व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं संरक्षा प्रबंधन प्रणालियों हेतु ओएसएचएएस 18000 के लिए प्रमाणित किया गया है ।
- भारी पानी संयंत्र, बड़ौदा के पोटैशियम धातु संयंत्र को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों हेतु आईएसओ 9001-2000 के अंतर्गत प्रमाणित किया गया है ।
भापाबो द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं
- ऊर्जा ऑडिटिंग
- फ्लू गैस कंडिशनिंग
- अतिरिक्त विद्युत की आपूर्ति
- प्रक्रियां रिट्रोफिटिंग / री-इंजीनियरिंग
- समन्वित ऊर्जा प्रबंधन
- अधिचालन सहायता
- संरक्षा मूल्यांकन